बांका (संवाददाता) आठवीं पास कर चुके विद्यार्थियों का 9वीं के वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एक अप्रैल से नामांकन जारी है। मगर इस बार सरकार ने फर्जी छात्रों को रोकने के साथ-साथ छात्रों की सुविधा के अनुसार उसी पंचायत में नामांकन करने का निर्देश दिया है जिस पंचायत में बच्चे आठवीं में पढ़ रहे थे। सरकार का दावा है कि जिले के हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय को सारी सुविधाओं से लैस किया जा चुका है। जहां कुछ कमी है उसे अभिलंब पूरा करने का निर्देश भी दिया गया है। मगर सरकार द्वारा सुविधा के नाम पर पंचायत के विद्यालय में ही नामांकन करने की पाबंदी कई छात्र-छात्राओं के लिए परेशानी का सबक बन गया है। लकरामा पंचायत के महोलियावरण गांव की छात्रा खुशी कुमारी ने बताया कि वो घर से दो सौ मीटर दूर चरखा पाथर मध्य विद्यालय में आठवीं पास की है। वो जयपुर उच्च विद्यालय में नामांकन कराना चाहती है जो उनके घर से महज दो सौ मीटर दूरी पर है। अब खुशी इस बात को लेकर नाराज हो गई है कि उसे अब अपने पंचायत के उच्च विद्यालय केरवार में पढ़ने के लिए आठ किमी दूर साइकिल चला कर रोज पढ़ने जाना होगा। ये एक छात्र की समस्या बानगी भर है। तेतरिया की ज्योति कुमारी व बाघमारी गांव की बीणा कुमारी, तेलियाडीह कि शिवानी कुमारी व वर्षा कुमारी ने बताया कि वो कैलाश मिश्र उच्च विद्यालय जयपुर में पढ़ना चाहती है। यह विद्यालय उसके घर के काफी करीब है। वो 8 किसी दूर सुनसान राहों में चलकर अपने पंचायत के विद्यालय केरवार में नहीं पढ़ना चाहती है। इस पंचायत के कई छात्र भी हैं जो अपने घर से नजदीकी विद्यालय में पढ़ना चाहते हैं। तितलाखो गांव के कुंदन कुमार यादव,महोलियावरण अमन मांझी, सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं हैं जिनके साथ यह समस्याएं पढ़ाई के क्षेत्र में बाधा बन रही है।
बाजू में है स्कूल फिर भी मुनिया पढ़ने जाएगी तीन कोस दूर !
4/16/2024 12:14:00 pm
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सरकार ने मांगी रिपोर्ट कितने विद्यार्थियों के साथ है परेशानी : सरकारी विद्यालयों में अब फर्जी छात्रों की कोई गुंजाइश नहीं रही है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पत्र जारी कर इस संबंध में कुल 11 बिंदुओं पर विशेष जोर देते हुए नामांकन प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया है। जिसमें छात्रों की सुविधा को देखते हुए अपने पंचायत के विद्यालय में ही नामांकन पर विशेष जोर दिया गया है। मगर बांका जिला के कई प्रखंडों में भौगोलिक स्थिति के कारण यह आदेश कई विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबक बन गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि इन समस्याओं पर सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। सभी मध्य विद्यालय के शिक्षकों से ऐसे बच्चों की सूची तलब की गई है। निकटतम विद्यालय में नामांकन पर सरकार विचार कर आवश्यक निर्देश देगी।