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चयनकर्ताओं को लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगे



जहानाबाद , (राय बीरेंद्र): जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारों और टिकट पाने वाले नेताओं की राजनैतिक और सामाजिक हैसियत को समझने की किसी टिकटदाता पार्टी ने कोई जरूरत नहीं समझी। टिकट देने वाले नेताओं ने बस जातीय समीकरण भर कों आधार बनाया और सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर इन टिकट प्राप्तकर्ता नेताओं की निष्क्रियता की अनदेखी करने में पार्टी की भलाई समझी। यद्यपि जहानाबाद क्षेत्र की जनता ने राजनीतिक स्तर पर किए गए इस छल का विरोध किया पर इसका कोई परिणाम नहीं निकला। जनता को यह समझना होगा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए इस प्रकार के निर्णय राजनैतिक दलों की मजबूरी बन चुके हैं।इसे नीचे वर्णित कहानी से समझा जा सकता है।     एक समय की बात है, सर्वश्रेष्ठ विषधर चुनने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित हुई। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए, आवेदनों की जांच में पाया गया कि किसी विषधर ने तो आवेदन किया ही नहीं।अब चयनकर्ताओं को लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा तो करनी थी, किसी न किसी आवेदनकर्ता  का चयन करना था। अतः सर्वथा विषहीन सर्प डोंड़ को सर्वश्रेष्ठ विषधर का खिताब दे दिया गया।यह कहानी जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों पर सटीक बैठती है।

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