पटना , (संवाददाता) : पुनाईचक अवस्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेश कार्यालय भवन में आयोजित मछुआरा दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने मछुआरों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा कर कहा कि अगर सरकार मछुआरों की सभी समस्याओं का निराकरण कर दे तो मत्स्य उत्पादन में इतनी बुद्धि होगी कि दुसरे राज्यों से मछली लेने की जरूरत नहीं होगी।इस अवसर पर संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर सहनी,कार्यकारी प्रधान महासचिव धीरेन्द्र निषाद, उपाध्यक्ष विनय कुमार विद्यार्थी,मीना कुमारी निषाद ने मछुआरों की लम्बित प्रमुख समस्याए जैसे न्यायालय निबंधन सहयोग समितियाॅ बिहार पटना के आदेशानुसार परंपरागत मछुआरों की सूची प्रकाशित करने एवं प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से गैर मछुआ को निष्कासित कर परम्परागत मछुआरों को ही सदस्य बनाने,सभी शहरों एवं प्रखंडों में मछली बिक्री के लिए फिश मार्केट बनाने,सभी सरकारी जलकरों को अतिक्रमण से मुक्त करने,भूमिहीन मछुआरों को आवास हेतु पांच डिसमिस जमीन आवंटन करने,प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष एक हजार मछुआ आवास का निर्माण करने,बिहार राज्य मछुआरा आयोग का पुनर्गठन करने ,नाव-जाल निशुल्क मछुआरों को उपलब्ध कराने,बाढ़ या सूखाड में बन्दोबस्ती की रकम माफ करने,एवं मछुआरों की दुर्घटना बीमा राशी बढ़ाकर 10 लाख रूपया करने सहित मछुआरों की सभी समस्याओं को शीघ्र निराकरण करने की मुख्य मंत्री से मांग की।महासचिव उमेश मंडल, मनोज कुमार ,सुरेश प्रसाद सहनी,एवं रामजतन चौधरी ने कहा कि फरक्का बराज में फिश लैडर न बनने से समुद्री मछलियों का आवागमन अवरुद्ध होने से नदियों में मछलियों का मिलना बहुत कम हो गया है जिसके कारण मछुआरों का जीविका का साधन समाप्ति की ओर है।इनलोगों ने फरक्का बराज का गेट वर्ष में चार माह खोले रखने की मांग की और सरकार को नदियों में मछली का जीरा भारी मात्रा में छोड़ते रहने की जरूरत बताया।बैठक में रामजतन चौधरी,मदन प्रसाद सिंह, राज किशोर प्रसाद सिंह, रणवीर कुमार निषाद, जयराज निषाद, रघुवीर महतो,राजनन्दन चौधरी,धीरज कुमार निषाद, मेघनाथ सहनी ,जीतेन्द्र कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।
मछुआरा दिवस पर बिहार निषाद संघ ने मछुआरों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग
7/11/2024 03:14:00 pm
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पटना , (संवाददाता) : पुनाईचक अवस्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेश कार्यालय भवन में आयोजित मछुआरा दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने मछुआरों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा कर कहा कि अगर सरकार मछुआरों की सभी समस्याओं का निराकरण कर दे तो मत्स्य उत्पादन में इतनी बुद्धि होगी कि दुसरे राज्यों से मछली लेने की जरूरत नहीं होगी।इस अवसर पर संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर सहनी,कार्यकारी प्रधान महासचिव धीरेन्द्र निषाद, उपाध्यक्ष विनय कुमार विद्यार्थी,मीना कुमारी निषाद ने मछुआरों की लम्बित प्रमुख समस्याए जैसे न्यायालय निबंधन सहयोग समितियाॅ बिहार पटना के आदेशानुसार परंपरागत मछुआरों की सूची प्रकाशित करने एवं प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से गैर मछुआ को निष्कासित कर परम्परागत मछुआरों को ही सदस्य बनाने,सभी शहरों एवं प्रखंडों में मछली बिक्री के लिए फिश मार्केट बनाने,सभी सरकारी जलकरों को अतिक्रमण से मुक्त करने,भूमिहीन मछुआरों को आवास हेतु पांच डिसमिस जमीन आवंटन करने,प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष एक हजार मछुआ आवास का निर्माण करने,बिहार राज्य मछुआरा आयोग का पुनर्गठन करने ,नाव-जाल निशुल्क मछुआरों को उपलब्ध कराने,बाढ़ या सूखाड में बन्दोबस्ती की रकम माफ करने,एवं मछुआरों की दुर्घटना बीमा राशी बढ़ाकर 10 लाख रूपया करने सहित मछुआरों की सभी समस्याओं को शीघ्र निराकरण करने की मुख्य मंत्री से मांग की।महासचिव उमेश मंडल, मनोज कुमार ,सुरेश प्रसाद सहनी,एवं रामजतन चौधरी ने कहा कि फरक्का बराज में फिश लैडर न बनने से समुद्री मछलियों का आवागमन अवरुद्ध होने से नदियों में मछलियों का मिलना बहुत कम हो गया है जिसके कारण मछुआरों का जीविका का साधन समाप्ति की ओर है।इनलोगों ने फरक्का बराज का गेट वर्ष में चार माह खोले रखने की मांग की और सरकार को नदियों में मछली का जीरा भारी मात्रा में छोड़ते रहने की जरूरत बताया।बैठक में रामजतन चौधरी,मदन प्रसाद सिंह, राज किशोर प्रसाद सिंह, रणवीर कुमार निषाद, जयराज निषाद, रघुवीर महतो,राजनन्दन चौधरी,धीरज कुमार निषाद, मेघनाथ सहनी ,जीतेन्द्र कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।