पटना , (संवाददाता): गर्दनीबाग धरना स्थल पर बिहार निषाद संघ के तत्वाधान में निषाद/ मल्लाह के उपजातियो को एकीकरण न कर सभी उपजातियों को अलग-अलग जातीय गणना के करने के विरोध में एकदिवसीय रोषपूर्ण महाधरना का आयोजन किया गया। इस महाधरना का अध्यक्षता करते हुए संघ के अध्यक्ष ई. हरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि पूर्व की सरकार ने यादव एवं बनिया के सभी उपजतियों को एक शीर्ष में एकीकरण किया गया है। बिहार निषाद संघ, निषाद/मल्लाह के उपजातियों केवट, मल्लाह, वनपर, चॉय, तियर, मोरियारी गोड़ी, बिंद, वैवर्त को एकीकृत कर निषाद/मल्लाह शीर्ष में समावेशित करने के लिए 5 वर्ष से माननीय मुख्यमंत्री एवं पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्राचार किया जा रहा है, ऐसा करने के लिए अति पिछड़ा वर्ग को भी मिलकर पत्र सौपा गया था। किन्तु सरकार ने इस पर कोई पहल नहीं किया गया। प्रधान महासचिव धीरेन्द्र कुमार निषाद ने कहा कि मल्लाह के सभी उपजातियों को अलग-अलग कोड में जातीय जनगणना कराने से हमारी आबादी का कुल संख्या सही न हो सका। राजकुमार सहनी ने कहा कि मल्लाह के उपजातियों को अलग-अलग जाति मानकर जातीय जनगणना कर अत्यंत पिछड़ा में बड़ी ताकत रखने वाली मल्लाह जाति राजनैतिक रूप से कम आंकने का प्रयास है। विनय कुमार विद्यार्थी ने हमारे सभी उपजातियों कुल संख्या जोड़ा जाय तो यादवों के बाद दूसरा स्थान होगा। अजय निषाद ने कहा कि इस जातीय गणना से पूरा निषाद समाज दुखित और आक्रोशित है। बिहार विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी आज पटना के गर्दानीबाग स्थित धरना स्थल पर सहनी समाज के विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में निषाद/मल्लाह समाज के लोग मौजूद थे। यह धरना निषाद/मल्लाह समाज के जातीय जनगणना में सहनी समाज के साथ हुए अनियमितता के विरुद्ध आवाज बुलंद हेतु की गई थी। बिहार विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार सरकार की चाचा भतीजा की सरकार एक अन्यायपूर्ण जाति गणना कर सभी जातियों के साथ अन्याय कर रही है। इस सरकार को अपनी कुर्सी की चिंता है। इस सरकार को बस अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी जाति का गठजोड़ कर के क्या फायदा हो उसकी चिंता है। नीतीश सरकार को बस कुर्सी के प्रति लालच से निषाद/मल्लाह समाज में आक्रोश का माहौल बन रहा है। निषाद/मल्लाह समाज के सभी उपजातियों को एकीकरण नही करके सभी उपजातियों को बिहार सरकार द्वारा अलग-अलग उपजाति करने के नीतीश सरकार ने अन्याय किया है। श्री सहनी ने कहा कि आजादी के बाद आज सहनी समाज अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है, बिहार के विकास में सहनी समाज का बहुत योगदान है इसके बावजूद इस समाज के साथ जातीय जनगणना में हुई धांधली से सहनी समाज में काफी रोष है। सर्वदलीय बैठक में मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से निषाद/मल्लाह समाज के सभी उपजातियों को एकीकरण के साथ डाटा जारी करने का आग्रह किया है और जब तक इसे पूरा नहीं किया जाता तब तक इस मांग को समाज और सदन दोनों के बीच पूरी मजबूती से उठाते रहेंगे। धरना में मदन प्रसाद सिंह, अनिल सहनी, जिबोधन निषाद, राम जतन चौधरी, सुरेश प्रसाद निषाद, राजेश चौधरी, सुरेश सिंह निषाद, लखन लालमंडल, धनंजय कुमार, प्रदीप कुमार चौधरी लवकशोर निषाद प्रो. अनिल कुमार, नागेन्द्र सहनी, डा.सतीश कुमार, सुनीता विन्द, मीना देवी, शिवरतन निषाद, अनील 'साहनी, रामबाबू चौधरी, जलज, गंगा चौधरी,श्रवन सहनी,महंत मुखिया एवं अन्य उपस्थित थे।