पटना सिटी (बृजेश गोस्वामी) : पटना सदर में जमीन का लगान निर्धारण नही होने से एक ओर सरकार को राजस्व की छति हो रही है वही हजारों लोग सीओ एवं डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर लगाकर परेशान है। कार्यालय के कर्मचारी लोगो को रिप्लाई देते देते त्रस्त हैं। पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने लोगो की दिक्कत से प्रशासन को अवगत है। उन्होंने बताया कि पूर्व में प्रशासन लगान निर्धारण म्युनिस्पल सर्वे 1932 के आधार पर करती थी। किंतु 3-4 वर्ष पूर्व से लगान निर्धारण का आधार केडेस्ट्रल सर्वे 1908 ई को बना दिया। निगम क्षेत्र के अधिकतर इलाको केडेस्ट्रल सर्वे हुआ ही नही है । जब केडेस्ट्रल सर्वे की रिपोर्ट दौड़ धूप और दलाल के माध्यम से 2000 से 4000 खर्च कर निकाला जाता है तो रिपोर्ट फटा हुआ या सर्वे नही हुआ है प्राप्त होती है। आखिर पब्लिक करे तो का करें--? पटना सदर के वर्तमान भूमि सुधार उपसमाहर्ता प्रवीण कुंदन व पूर्व भूमि सुधार उपसमहर्ता शिव रंजन ने बताया कि
जिला प्रशासन ने लगान निर्धारण के लिये केडेस्ट्रल सर्वे से भूमि की किस्म व प्रकार का पता चलता है।जबकि म्युनिस्पल सर्वे से पूरी जानकारी नही मिलती है। लोगो की समस्या आने के बाद प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में 2021 में 7 सदस्यी समिति बनाई गई । विभाग से निर्देश का इंतजार है। अरविंद कुमार, राम सुभाष रजक, विक्रमादित्य गुप्त, चंदमोहन उर्फ मुन्ना यादव ,ओम प्रकाश अग्रवाल सहित अनेक अधिवक्तओ ने आम लोगों के समस्या के निदान के लिये तत्काल कदम उठाने की मांग प्रशासन से की है।