पटना, (संवाददाता) : राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालय स्तर पर पीएच.डी. पाठ्यक्रम में नामांकन हेतु पीएच.डी. पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निदेश दिया है। उन्होंने बिहार के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निदेश दिया है कि प्रत्येक विषय में उपलब्ध रिक्त पीएच.डी.सीटों पर (रोस्टर लागू करके) 50ः सीटें यूजीसी-नेट/यूजीसी-सीएसआईआर नेट/गेट/सीईईडी के लिए आरक्षित होंगी तथा शेष 50ः सीटों को प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरेंगे। यदि किसी विषय विशेष में यूजीसी- नेट/यूजीसी-सीएसआईआर नेट/गेट/सीईईडी अर्हता के छात्र उपलब्ध नहीं होते हैं तो इस श्रेणी के रिक्त सीटों को पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा के मेधा सूची के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भरा जाये। प्रवेश की प्रक्रिया में यूजीसी और अन्य संबंधित वैधानिक/नियामक निकायों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों/मानदंडों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आरक्षण नीति का पालन करते हुए संस्थान द्वारा अधिसूचित मानदंडों का पालन किया जायेगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परामर्शी समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में सम्यक् विचारोपरान्त यह आदेश दिया है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय स्तर पर पीएच.डी. पाठ्यक्रम में नामांकन हेतु पीएच.डी. पात्रता परीक्षा आयोजित करने का दिया निदेश
7/15/2024 10:53:00 pm
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पटना, (संवाददाता) : राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालय स्तर पर पीएच.डी. पाठ्यक्रम में नामांकन हेतु पीएच.डी. पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निदेश दिया है। उन्होंने बिहार के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निदेश दिया है कि प्रत्येक विषय में उपलब्ध रिक्त पीएच.डी.सीटों पर (रोस्टर लागू करके) 50ः सीटें यूजीसी-नेट/यूजीसी-सीएसआईआर नेट/गेट/सीईईडी के लिए आरक्षित होंगी तथा शेष 50ः सीटों को प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरेंगे। यदि किसी विषय विशेष में यूजीसी- नेट/यूजीसी-सीएसआईआर नेट/गेट/सीईईडी अर्हता के छात्र उपलब्ध नहीं होते हैं तो इस श्रेणी के रिक्त सीटों को पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा के मेधा सूची के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भरा जाये। प्रवेश की प्रक्रिया में यूजीसी और अन्य संबंधित वैधानिक/नियामक निकायों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों/मानदंडों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आरक्षण नीति का पालन करते हुए संस्थान द्वारा अधिसूचित मानदंडों का पालन किया जायेगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परामर्शी समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में सम्यक् विचारोपरान्त यह आदेश दिया है।